जुलू के राजा का सिंहासन विवादों में फंसा, भारतवंशी कारपेंटर ने ऑर्डर रोका

https://ift.tt/zWRY5Ci <p style="text-align: justify;">दक्षिण अफ्रीका में एक भारतीय मूल के फर्नीचर बनाने वाले कारपेंटर ने शाही परिवार के पिछले ऑर्डर का बकाया भुगतान न किए जाने के कारण दो सिंहासन के ऑर्डर को रोक दिया है. इस सिंहासन को बनाए जाने का ऑर्डर जुलू के नए राजा मिसिजुलू के लिए दिया गया था. इस सिंहासन में टम्बूटी लकड़ी का इस्तेमाल किया जाना था जो काफी दुर्लभ है क्योंकि टम्बूटी के पेड़ 1200 साल तक पुराने होते हैं. हालांकि पिछले कामों का पेमेंट नहीं किए जाने के कारण भारतीय मूल के कारपेंटर ने इन दो सिंहासनों के ऑर्डर को रोक दिया है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">दरअसल 1971 में जुलू के पहले राजतिलक के बाद बीते शनिवार यानी 29 अक्टूबर को 48 साल के मिसुजुलू को आधिकारिक रूप से जुलू के राजा के तौर पर मान्यता दी गई. जुलू के दूसरे राजा के लिए नए सिंहासन को बनवाने का आर्डर विश्वप्रसिद्ध भारतवंशी फर्नीचर निर्माता राजीव सिंह को दिया गया था. लेकिन कईं सालों से शाही परवार द्वारा दुर्लभ टम्बूटी लकड़ी के फर्नीचर का पेमेंट नहीं किए जाने के कारण राजीव सिंह ने ऑर्डर तैयार करने से इनकार कर दिया है.</p> <p style="text-align: justify;"><br /><img src="https://ift.tt/E94xzrh" /></p> <p style="text-align: justify;">वीकली संडे टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व प्रसिद्ध भारतवंशी फर्नीचर निर्माता राजीव सिंह ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि उन्होंने सात साल पहले वहां के नए राजा के दिवंगत पिता गुडविल ज्वेलिथिनी के लिए कई फर्नीचर बनाए थे, इन फर्नीचर के पूरे पैसे का अब तक भुगतान नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि नए राजा के सिंहासन के लिए मिले गए ऑर्डर के डिजाइन की शुरुआत अब तक नहीं की गई है. राजीव ने कहा कि पहले पुराने बकाया का भुगतान किया जाएगा उसके बाद नए सिंहासन को बनाने की शुरुआत की जाएगी.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने बताया कि जिन फर्नीचर के पैसे का भुगतान नहीं किया गया है उसमें मिसुजुलू के पिता और &nbsp;दिवंगत किंग ज्वेलिथिनी की सात पत्नियों के लिए सात सिंहासन, दस मेज और तीन टी ट्रे शामिल हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिस दो सिंहासन का आर्डर दिया गया है उसके लिए भी फिलहाल कोई भुगतान नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि पिछले पेमेंट को पूरा करने के लिए वह साल 2017 तक मांग रखते रहें लेकिन शाही परिवार ने उनकी इन मांग को अनदेखा कर दिया था.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>कौन हैं विश्व प्रसिद्ध फर्नीचर निर्माता राजीव सिंह</strong></p> <p style="text-align: justify;">राजीव सिंह के विश्व प्रसिद्ध फर्नीचर निर्माता कुबेर ईदेव सिंह के बेटे है. कुबेर सिंह की नक्काशी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. उन्होंने सबसे पहले टम्बूटी लकड़ी के खूबसूरत नक्काशीदार फर्नीचर बनाकर विश्व भर में ख्याति हासिल की थी. राजीव के पिता के बनाए फर्नीचर भारत से लेकर दुनियाभर के कई राष्ट्राध्यक्षों को उपहार के तौर पर दिया जा चुका है. उनके बनाए टम्बूटी का बना ज्वैलरी बाक्स दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को भेंट किया जा चुका है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">उनकी नक्काशी दुनियाभर में प्रसिद्ध है. कुबेर ईदेव सिंह &nbsp;के हाथ के बनाए उपहार दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला व थाबो मबेकी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन व जार्ज बुश को दिए जा चुके हैं.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><br /><img src="https://ift.tt/oEpFlC1" /></p> <p style="text-align: justify;"><strong>नए राजा को पहनाया गया ताज</strong></p> <p style="text-align: justify;">बीते शनिवार यानी 30 अक्टूबर को दक्षिण अफ्रीका के तटीय शहर डरबन में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में हजारों लोगों ने भाग लिया था. इस कार्यक्रम के दौरान एक नए ज़ुलू राजा को ताज पहनाया गया. &nbsp;48 साल के मिसिजुलू दक्षिण अफ्रीका के सबसे अमीर और प्रभावशाली पारंपरिक राज परिवारों में से एक हैं. राज्याभिषेक के इस समारोह में हजारों लोग शामिल हुए थे. समारोह के दौरान भारी संख्या में लोग जानवरों की खाल, भाले और ढाल के साथ नजर आए. होने वाला राजा ने भी हाल ही में रिजर्व में एक शेर का शिकार किया था. यह राज्याभिषेक से पहले की प्रथा है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या है जुलू कबीला&nbsp;</strong></p> <p style="text-align: justify;">जुलू कबीले की बात करें तो यह दक्षिण अफ्रीका का एक कबीला है जो अपनी भाषा बोलते हैं. इस कबीले से जुड़े लोग पूर्वजों की आत्माओं में विश्वास करते हैं. शनिवार यानी 29 अक्टूबर को किए गए राजतिलक की भी अपनी परंपरा है. इस दौरान राजतिलक की रात को होने वाले राजा को एक अलग कमरे में ले जाया जाता है और वहां कुछ ऐसी प्रथाएं होती हैं, जिनके बारे में किसी को नहीं पता.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">इस कबीले के लोग 'उबंटू' में विश्वास करते हैं, जिसका मतलब मानवता. उनका मानना है कि इंसान धरती पर मौजूद अन्य प्रजातियों में सबसे श्रेष्ठ हैं. कई अन्य कबीले हमेशा अपनी पारंपरिक पोशाक में रहते हैं, लेकिन जुलु लोग कुछ खास मौके पर ही इसे पहनते हैं.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p> <p class="article-title "><a title="Hate Speech: हेट स्पीच पर नेताओं को क्यों नहीं मिल पाती है आजम खान जैसी सजा? कानून एक्सपर्ट ने बताई असली वजह" href="https://ift.tt/U4Tki5g" target="_blank" rel="noopener">Hate Speech: हेट स्पीच पर नेताओं को क्यों नहीं मिल पाती है आजम खान जैसी सजा? कानून एक्सपर्ट ने बताई असली वजह</a></p> from world

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