Wild Poliovirus: मोजाम्बिक में 30 साल बाद मिला वाइल्ड पोलियो का पहला मामला, जानिए कैसे फैलता है ये वायरस

https://ift.tt/npKArBx <p style="text-align: justify;"><strong>Wild Poliovirus:</strong> मोजाम्बिक ने इस सप्ताह जंगली पोलियो वायरस टाइप-1 के अपने पहले मामले की पहचान की है. दरअसल जब एक बच्चा इस बीमारी के संपर्क में आया तब ये केस 1992 के बाद पहला पोलियो वायरस का केस था जबकि दक्षिण अफ्रीका में जंगली पोलियो वायरस का ये दूसरा मामला है. आपको बता दें कि दक्षिण अफ्रीका में इस साल की शुरुआत में मलावी नाम की एक बीमारी का प्रकोप फैलने की जानकारी मिली थी. अफ्रीका के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय निदेशक डॉ मत्शिदिसो मोएती ने बताया, ''मलावी में हाल ही में हुए प्रकोप को देखते हुए, अफ्रीका में जंगली पोलियो वायरस के एक और मामले के बारे में जानकारी होना बहुत ही चिंताजनक है. यह दिखाता है कि यह वायरस कितना खतरनाक है और कितनी जल्दी फैल सकता है. हालांकि ये आश्चर्यजनक नहीं है ''</p> <p style="text-align: justify;">यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, "पोलियो एक अपंग और संभावित घातक बीमारी है जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है... जब कोई संक्रमित व्यक्ति शौच (शौच करने) के बाद अपने हाथ अच्छी तरह से नहीं धोते हैं, तभी ये दूसरों में संक्रमित हो कर जाता है. इसके वायरस का संक्रमण जूठा खाने, संक्रमित व्यक्ति का जूठा पानी पीने और दूषित भोजन करने से होता है." इसके बावजूद भी पोलियो से संक्रमित अधिकांश लोगों को इसके संक्रमण की जानकारी नहीं हो पाती है. इसके वायरस से संक्रमित व्यक्ति को हल्का बुखार, थकान, मिचली आना, सिर दर्द होना, गले में खराश रहना, खांसी, गर्दन और पीठ में अकड़न और बाहों में दर्द महसूस होता है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>पोलियो संक्रमण से मांसपेशियों में लकवा मार जाता है<br /></strong>पोलियो संक्रमण के बहुत ही विशेष मामलों में मांसपेशियों के कार्य का स्थायी नुकसान होता है, अर्थात मांसपेशियों में लकवा मार जाता है जो फिर कभी ठीक नहीं होता है. अगर पोलियो रोगी के मस्तिष्क या फिर सांस लेने वाले अंगों में हो जाए तो फिर ये जानलेवा हो सकता है. सबसे पहले आंत में पहुंचकर प्रजनन करता है फिर ये तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है और आपको आजीवन के लिए अपंग तक बना सकता है. इसके दर्द का कोई इलाज नहीं है इसलिए पोलियो इतनी खतरनाक बीमारी है. हालांकि पोलियो का संक्रमण एक आसान टीके से रोकी जा सकती है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>अफ्रीका 2020 में हो गया था वाइल्ड पोलियो वायरस फ्री&nbsp;</strong><br />विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)ने अफ्रीका को 2020 में वाइल्ड पोलियो वायरस से मुक्त देश घोषित कर दिया था. द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक पोलियो उन्मूलन वैश्विक स्वास्थ्य सफलता की कहानियों में से एक रहा है और वाइल्ड पोलियो वायरस अब केवल अफगानिस्तान और पाकिस्तान में ही बचा है. मोज़ाम्बिक में जो मामला सामने आया है वो उत्तर-पूर्वी टेटे प्रांत में आया है. इस प्रांत का जो बच्चा वाइल्ड पोलियो से इन्फेक्टेड हुआ था उसमें मार्च के आखिर से ही पैरालिसिस के लक्षण अनुभव होना शुरू हो गए थे.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>जानिए क्या है वाइल्ड पोलियो का इलाज</strong><br />वाइल्ड पोलियो वायरस के संक्रमण से बच्चे के किसी भी अंग में आजीवन लकवा मार सकता है. &nbsp;इस वायरस के हमले से बच्चे आजीवन के लिए अपंग हो सकते हैं. कभी-कभी वाइल्ड पोलियो वायरस हमले में रोगी की जान भी जा सकती है जब ये आपके श्वसन तंत्र पर हमला कर दे हालांकि वैक्सीनेशन की मदद से इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है. पोलियो टीकाकरण अभियान ने इस बीमारी को दुनिया से खत्म करने में बड़ी भूमिका निभाई है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong><a href="https://ift.tt/HCstA0r University में बोले अमित शाह, कहा- 'कश्मीर से 370 हटने के बाद किसी की कंकड़ चलाने की भी हिम्मत नहीं'</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a href="https://ift.tt/NUV31Lp Funding: टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक दोषी करार, उम्र कैद तक की हो सकती है सजा</a></strong></p> from world

टिप्पणियाँ